घर-घर बंधे वंदनबारे। मां गौरा के ललना पधारें।। घर-घर बंधे वंदनबारे। मां गौरा के ललना पधारें।।
सूँड़ सूँड़ाला, मुण्ड मुण्डाला गणपति गजानंद देव बलवाना। सूँड़ सूँड़ाला, मुण्ड मुण्डाला गणपति गजानंद देव बलवाना।
मेरे प्यारे गणपति बाप्पा जिसकी मुसक सवारी है जो आते हर साल है लेके खुशिया की बौछार हर लेते विघ्न... मेरे प्यारे गणपति बाप्पा जिसकी मुसक सवारी है जो आते हर साल है लेके खुशिया की ...
बदलते बरस में मौसम चार मानव मन का भी यही व्यवहार! बदलते बरस में मौसम चार मानव मन का भी यही व्यवहार!
उठ जाग धरा के सजग प्रहरी लक्ष्य बना बनाकर सिद्ध करो... उठ जाग धरा के सजग प्रहरी लक्ष्य बना बनाकर सिद्ध करो...
आम से खास बन जायगा योग कर, कार्य सिद्ध हो जायेगा योग कर।। आम से खास बन जायगा योग कर, कार्य सिद्ध हो जायेगा योग कर।।